कम्प्यूटर का परिचय
(Introduction of Computer)
कम्प्यूटर क्या हैं (What is
computer?)
कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रजी के Compute शब्द से हुई हैं, जिसका अर्थ होता हैं ’’गणना करना‘‘।
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्राॅनिक प्रणाली (Device) हैं। जो निर्देर्षों के समूह या प्रोग्राम के नियंत्रण में डाटा या लक्ष्य पर क्रिया (Process) करके सुचना (Information) उत्पन्न (Generate) करता है
परिभाषाः-‘‘कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्राॅनिक मशीन है जो डाटा को ग्रहण करता हैं, Store करके क्रमबद्ध रूप में प्रोसेस करके उसे अर्थपूर्ण डाटा में परिवर्तित करता हैं।
Computer शब्द की फुलफार्म Stands for Computer
C – Calculate
O- Operate
M-Memorise
P- Print
U-Update
T- Tabulate
E-Edit
R- Response
दूसरे शब्दों में कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस (Electronic Device) हैं जिसमे निम्नलिखित क्षमताएं हैः
1. मानव या यूजर (User) द्वारा प्रदत्त डाटा को स्वीकार करना।
2. इनपुट संग्रह या स्टोर करके निर्देशो को क्रियान्वित करना।
3. गाणितीय क्रियाओं व तार्किक क्रियाओं को क्रियान्वित करना है।
4. मानव या की आवश्यकतानुसार आउटपुट या परिणाम देना।
कम्प्यूटर का विकास (Evolution of Computers)
कम्प्यूटर का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना हैं जबकि चीन में एक गणना यंत्र (Calculating machine)‘‘अबेकस’’ (Abacus) का अविष्कार हुआ। यह एक यांत्रिक डिवाइस हैं, जो आज भी चीन,जापान सहित एशिया के अनेक देशों में अंकों के गणना के लिए काम आती हैं।
सन् 1642 में फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Blaize Pascal) ने जो प्रयास किये थे उन्हें IBM ने आगे बढ़ाया। अमेरिकी इंजीनियर जे. पी. इस्क्र्ट ने वर्तमान कम्प्यूटर के प्रथम पूर्वज ENIAC नामक एक कम्प्यूटर तैयार किया जो आज के 100PC के बराबर स्थान घेरता था।
चाल्र्स बैंबेज का डिफरेंस इंजिन (Charles Babbage’s Difference Engine)
चाल्र्स बैंबेज ने सन् 1822 में एक मशीन का अविष्कार किया जिसका व्यय का भार ब्रिटिष सरकार ने वहन किया। इस मशीन का नाम ‘डिफरेन्स इंजिन’ रखा गया। इस मशीन में गियर और शाफ्ट लगे थे और यह भाप (Steam) से चलती थी।
सन् 1833 में चाल्र्स बैबेज ने डिफरेंस इंजिन का विकसित रूप एक शक्तिषाली मषीन एनालिटिकल इंजिन तैयार किया। जो कि आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण हैं कि चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर विज्ञान का जनक कहा जाता हैं।
कम्प्यूटर सिस्टम
1. कम्प्यूटर हार्डवेयर - कम्प्यूटर के यांत्रिक, विद्युत तथा इलेक्ट्राॅनिक;भाग, कम्प्यूटर हार्डवेयर कहलाते हैं।
2, कम्प्यूटर साफ्टवेयर ये वे प्रोग्राम है जो कम्प्यूटर को यह निर्देष देते है कि किस प्रकार डाटा प्रोसेस किया जाये और सूचना (Information) जनित (Generate) की जाये।
3, कम्प्यूटर पर्सन या युजर वे लोग जो कम्प्यूटरीकृत ;डाटा तैयार करते हैं, प्रोग्राम लिखते है। कम्प्यूटर को चलाते है और डाटा आउटपुट प्राप्त करते हैं। कम्प्यूटर पर्सन या युजर कहलाते हैं।
कम्प्यूटर की विषेषताएं
आजकल कम्प्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा है क्योकि कम्प्यूटर ही एक ऐसी स्व चलित मशीन है जो कि बहुत सारे कार्य स्वतः ही कर लेती है। इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित है।
1.स्पीड Speed : कम्प्यूटर के माध्यम से बहुत से कार्य को तीव्रता के साथ किया जा सकता हैं। कम्प्यूटर कुछ ही क्षणों में गुणाध्भाग या जोड़ घटाव की लाखों क्रियायें कर सकते हैं।
2.स्वचालन Automatic: कम्प्यूटर अपना कार्य स्वचलित मशीन के रूप में करता है।
3. शुद्धता Accuracy: कम्प्यूटर 38 अंकों वाली संख्याओं के किसी भी प्रक्रिया को बिना किसी गलती के पूरा कर सकता हैं।
4. सार्वभौमिकता Versatility: कम्प्यूटर अपनी सार्वभौमिकता वाले गुण के कारण दुनिया में छा रहा है.
A. कम्प्यूटर के साथ प्रिंटर या प्लॉटर लगाकर तरह तरह के डिजाइन को प्रिंट किये जा सकते हैं।
B. कम्प्यूटर को टेलीफोन लाइन से जोड़कर सारी दुनिया में सूचनायें भेजी जा सकती हैं या प्राप्त किया जा सकता हैं।
C. कम्प्यूटर पर तरह तरह के खेल खेले जा सकते हैं, पहेलियाॅ बुझाईं जा सकती हैं।
5. उच्च संग्रह क्षमता High Storage Capacity : एक कम्प्यूटर सिस्टम की डाटा की संग्रह क्षमता बहुुत उच्च होती हैं। कम्प्यूटर लाखों शब्दों को बहुत कम जगह में संग्रहित कर के रख सकता हैं। यह सभी प्रकार के डाटा, चित्र, प्रोग्राम, गेम्स तथा आवाज को कई वर्षों तक संग्रहित करके रख सकता हैं।
6.याद रखने की शक्ति Power of Remembrance: कम्प्यूटर वर्षों पूरानी बातों को याद रखता हैं।
7. विश्वसनीयता Reliability: कम्प्यूटर से जुडी हुई सारी क्रियायें विश्वसनीय होती हैं। और यह वर्षों तक कार्य करतें हुये थकता नहीं हैं।

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